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सोमवार, 13 जून 2022

Nilavanthi granth part-1


नमस्कार दोस्तो मेरा नाम है रोहन पटेल और मैं आपको आज निल्लावंती ग्रंथ के बारे में ऐसी जानकारी देने वाला हु जिससे जानकर आप बहुत ज्यादा चौक जायेंगे। यह एक ऐसा ग्रंथ है जिसे श्रापित माना जाता है, यह एक ऐसा ग्रंथ है जिसको पढ़ लेने के बाद पशु पक्षियों और जानवरों से बात किया जा सकता है, यह एक ऐसा ग्रंथ है जिसकी मदद से आप बड़े बड़े खजानों को यू हासिल कर सकते है।  

 


दरअसल दोस्तो इस ग्रंथ को श्रापित क्यों माना जाता है इसके पीछे भी एक बहुत बड़ी कहानी है,इस ग्रंथ को आसानी से पाया क्यों नही जा सकता सकता इसके पीछे भी एक बहुत बहुत बड़ी रहस्यमयी कहानी छुपी हुई है। तो वो रहस्य क्या है इसको जानने के लिए आप इसको पूरा पढ़े। क्यूकी इसको पढ़ने के बाद वो तंत्र विद्या की ऐसी शक्ति मिलने वाली वाली है जो अगर वो किसी भी इंसान को मिल जाए तो वो किसी भी खजाने को आसानी से ढूंढ सकता है।

        

              "इस बुक की शुरुआत कहा से हुई?"


उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गांव में एक आदमी रहता था। जो एक आयुर्वेद का एक बहुत बड़ा ज्ञाता था। जिसे आयुर्वेद आचार्य कहा जाता था। उस आयुर्वेद की एक पत्नी थी और उसकी एक छोटी सी बेटी थी। बेटी के 5,6 साल होने के बाद ही उसकी मां का देहांत हो जाता है। फिर बाप बेटी उस गांव से निकलकर बहुत दूर एक जंगल में जाकर रहने लगते है। वह बहुत घबराने लग जाता है इंसानों प्रति वह उनसे घृणा करने लग जाता है पता नहीं क्यों लेकिन वह खुद इंसान होकर भी उसमे इंसानो के प्रति घृणा आने लगती है। वह इंसानों को अपना दुश्मन समझने लगता है इसलिए वह अपनी बच्ची को कुछ भी हो जाए लेकिन उसको इस इंसानों जैसा नहीं बनने दूंगा ।इसलिए वह अपनी बेटी को लेकर दूर दराज एक जंगल में लेकर चला जाता है।

                  " बेटी की अनोखी सकती"



कुछ समय बीतने के बाद उसकी बेटी नीलावंती के अंदर एक अलग तरह की सकती थी ये बहुत ही अलौकिक बच्ची थी ये न जानवरो और पक्षियों से बहुत अच्छी तरह बात कर लेती थी। जैसे की मानो ये उन्ही के प्रजाति की हो। इतने अच्छी तरीके से उनकी बाते समझती थी । इस बच्ची को न जो चीटिया होती थी साप होते थे वे सभी निलवंती को आ आ के जानकारी देते थे की कहा कहा पे किस तरह का खजाना दफन है?


वह चाहती तो इतना सारा खजाना लेकर अपने आप को अमीर बना सकती थी लेकिन उसने ऐसा इसलिए नही किया क्युकी उसके पिता जी हमेशा उसको गलत रास्ते में जाने से रोकते थे।
पिता जी के ऐसे रवाइए होने के कारण बेटी के अंदर भी आयुर्वेद का ज्ञान बहुत अच्छी तरीके से आ चुका था। वो भी आयुर्वेद की बहुत बड़ी ज्ञाता बन गई थी ।

            "   सपने में भूत प्रेत दिखने लगे "



दोस्तो कुछ समय बाद वो जब बड़ी हुई तो उसके सपने में भूत प्रेत दिखाई देने लगे सपने में भूत प्रेत उनसे बात करने लगते थे। और सपने में भूत प्रेत आने वाले भविस्य की जानकारी देते थे। जो कुछ भी भूत प्रेत बताती थी उनको सपने में वे सारी चीजे कुछ दिनों बाद सच हो जाती थी। वो ये सारी बाते अपने पिता जी को बताती थी । तो वो भी बहुत हैरान हो जाते थे। ऐसे ऐसे करके समय और बीता।

                     " निलवंती की खूबसूरती"



अब नीलवंती बड़ी हो गई । वह इतनी खूबसूरत थी की कोई उसे देख ले तो एक बार में ही देख कर मंत्र मुग्ध हो जाए। दोस्तो बड़ी होने के कुछ समय ही बाद न उस बच्ची को भूत प्रेत सच में असल जिंदगी में भी दिखाई देने लगे । उससे आके बात करते थे। मानो एक पिसचनी हो। या पिसाच हो उसे बड़ा बड़ा काम करना सिखाते थे। एक दिन उसने पिता जी को ये सारी बात बताई । उसके पिता जी भी बोले ये तो बहुत ज्यादा टेंशन लेने वाली बात है।

             "" आम लड़की नही थी निलावंती""

जिस दिन उसने अपनी पिता जी को ये बात बताई उसी रात उसको रात में कुछ ऐसा दिखाई दिया जिसकी वजह से उसको पता चल गया की मैं एक आम लड़की नहीं हूं उसे पता लगा कि वह एक दुर्लभ तरह की यक्षिणी है 


जो इस दुनिया में फस गई हु ये मेरी दुनिया है ही नही मेरी दुनिया कोई और है और मुझे अपनी दुनिया में जाना चाहिए। अगले दिन उठकर वह अपने पिता जी से सारी बाते बताती है। पिता जी भी उसकी बातो में हामी भरते है। वे कहते है की बेटी अगर तुम अपनी दुनिया में जाना चाहती हो तो तुम जा सकती हो मैं तुमको नही रोकूंगा। उस दिन के बाद से वो लड़की वहा उस घर से निकल जाती है। आधी रात में अपने सवालों के जवाब पाने के लिए प्रकृति से क्योंकि पिता जी ने उससे बोला था की अगर किसी चीज का जवाब तुम्हे किसी से न मिल पाए न तो उसका जवाब आपको प्रकृति देगी। तो वह निकल गई प्रकृति के जवाब मांगने। अगर आगे आप जानना चाहते हो क्या हुआ तो 'comment' बॉक्स में लिखे ' yes'
 
                                               

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