नमस्ते दोस्तो मेरा नाम है रोहन और आज मैं आपको छत्तीसगढ़ के एक ऐसी जगह के बारे में बताने वाला हु। जो की छत्तीसगढ़ के सबसे भूतिया जगह में से एक है । और एक रात इस जगह पर ऐसी घटना हुई जिसने कुछ लोगो के होश उड़ा दिए यह घटना 5लोगो के साथ एक साथ घटी।दरअसल ऐसा हुआ था की जूही नाम की लड़की थी उसके होने वाले पति भिलाई के एक बॉयज हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे थे।
"Adventure के कारण घटी यह घटना "
एक रात हुआ कुछ ऐसा की उसका पति और उसके कुछ दोस्त रात में पढ़ाई कर रहे थे। अब उनके मन में रात के समय पढ़ते ही पढ़ते एक ख्याल आता है। की यार अब पढ़ते पढ़ते बहुत बोर हो चुके है क्यों न आज हम कोई भूतिया मूवी देखे या फिर किसी भूतिया जगह में घूम कर आए। मतलब ये लोग रोज रात को पढ़ाई करने के बाद नीरज (उनके पति का नाम) और उसके दोस्त रोज रात में भूतिया मूवी देखा करते थे। लेकिन अब वो लोग भूतिया मूवी देख देख कर भी थक चुके थे।तो उनका मन अब किसी भूतिया जगह में जाने का मन किया ।
"बत्तीश बंगला में जाने का प्लान"
तो उन्होंने सबसे भूतिया जगह चुनी जिस जगह का नाम था बत्तीस बंगला। उन्होंने सुना था की बत्तीश बंगला भिलाई के सबसे खतरनाक भूतिया जगह में से एक है। तो उन्होंने यह प्लान बनाया की हम वहां जाकर देखते है की कोई भूत प्रेत हमे दिखता है की नही ऐसा कहकर वो अपनी तीन सहेलियों (femail frinde) लोगो को भी कॉल करके पूछते है तो शुरू में तो वो लड़किया साफ साफ मना कर देती है की हम उस बगले में रात में कभी भी नही जाएंगे। लेकिन इनके बहुत जिद करने के बाद वो लोगो को तैयार होना ही पड़ता है जाने के लिए तो वो लोग भी वहा जाने के लिए तैयार हो जाते है । ये लोग करीबन 2 बजे घर से निकलते है वहा जाने के लिए और आधे ही बीच में करीबन 2:30 बजे के आस पास उस बंगले के पास पहुंच जाते है।
"बंगले में पहुंचने के बाद"
लेकिन जैसे ही ये लोग बंगले में पहुंचते है उन्हे अजीब सीऊर्जा(paranormal activity) महुसुस होने लगती है।ऐसा लगता है की तरह इनको अजीब सा ठंडा ठंडा लग रहा है। इतना ठंडापन की जैसे यहां पास बर्फ गिर रहा हो। अब ऐसी भूतिया जगह में होंगे तो ऐसा तो महसूस होगा ही न। अगर आप भी कही भी की ऐसी भूतिया जगह में जायेंगे तो चाहे वहा कितनी भी ही गर्मी क्यू न हो आपको भी वहा ठंडी लगने लगी। ऐसा डर के कारण होता है। लेकिन वो सोच रहे थे भिलाई में इतनी अच्छी खासी गर्मी पड़ रही थी यहां तक कि हम रास्ते से आ भी रहे थे तो बिलकुल भी ठंडी नही लग रही थी लेकिन यहां आने पे हमें इतनी ठंडी क्यों लग रही है ।
"सिर्फ भूत देखने के मन होने के कारण"
पर इनका मन तो केवल एक ही चीज कर रहा था की कुछ भी हो जाए आज तो भूत देख कर ही घर जाना है। तो ये लोग सोचते है की छोरो न कुछ भी हो जाए हमको क्या करना है हमको तो बस अब भूत देखना है। चाहे हमें कितनी भी ठंडी क्यों न लगे। अब हम देखते है बंगलो के अंदर जाते है और देखते है की कोई भूत दिखाई देता है की नही। अब ये लोग बंगलो के अंदर जाने लगते है तो देखते है की ये बंगलो का गेट तो बाहर से बंद ही है और ये कभी खुलता ही नही है। और इतना बड़ा ताला लगा के रखे थे उसके के अंदर की कभी किसी को इसके अंदर जाना ही नही है। लेकिन वो सोचते है की कुछ भी करके हम अंदर जाना तो है ही।
" कैसे उस बंगले के अंदर जाए?"
अब वो लोग दिमाग लगाने लगते है की कैसे वे लोग उस बंगले के अंदर जाए। अब ये लोग बंगलो के चारो तरफ घूमने लगते है की कोई रास्ता मिल जाए अंदर जाने का तो इनलोगो को दिखती है
एक खिड़की जिसका कांच थोड़ा सा टूटा हुआ था। तो ये लोग उस कांच को पूरा मारकर तोड़ देते है। और बोलते है की हमे इसी खिड़की से अंदर घुसना है और कुछ भी हो जाए आज हमें भूत देख कर ही घर जाना है। तो उन लोग आराम से धीरे धीरे एक एक करके उस खिड़की की मदद से उस बंगले के अंदर जाने लगते है।
" बंगले के अंदर जाने के बाद क्या हुआ? "
जब वो बंगलो के अंदर जाते है तो असली मंजर शुरू होता है तो होता कुछ है वो देखते है की बंगलो के अंदर जितने भी समान है वो सारे बिखरे पड़े हुए है तहस नहस हो चुके है पूरे। पूरा घर का गमला टूटा हुआ है, पूरे घर में जाला लगा पड़ा है। जैसे की सदियों से यहां कोई आया ही न हो ऐसा मंजर था। उन्हें डर लगने लगता है थोड़ा थोड़ा क्युकी रात के 3 बज चुके थे।
और फिर वो लोग उस बंगले में घूमने लगते है। तभी अचानक से उस बंगले से एक अजीब सी आवाज आती है जैसे ऐसा लगता है की किसी ने कोई चीज बहुत जोर से जमीन पे पटकी हो और उसके साथ ही किसी की भी बहुत जोर से चीखने की आवाज आई ।
ये लोग पुरी तरीके से कांप गए। की हम लोग तो साथ में ही है लेकिन ये फिर आवाज आई तो आई कैसे। तो ये लोग धीरे धीरे उस आवाज की तरफ आगे बढ़ने लगते है । इनको कुछ समझ में नही आ रहा था लेकिन ये लोग को बंगलो को अच्छे तरीके से देखना था इसलिए वे लोग इस आवाज को अनदेखा कर देते है
और फिर से इस बंगले को देखने लगते है क्युकी बंगला बहुत बड़ा था। वो 10 मिनिट तक घबराहट में रहते है लेकिन फिर से ये बंगला देखना शुरू कर देते है। तभी नीरज जी जो थे जूही के पति वो एक जगह बे बैठे हुए थे तभी सबको उनके बाजू से चीखने की आवाज आने लगती है । तब सब की हालत खराब हो जाती है सब बहुत ज्यादा डर जाते है। सब बहुत ज्यादा घबरा जाते है। तभी सबको पता चल जाता है की यहां कुछ न कुछ तो गड़बड़ जरूर है । मतलब यहां पर वो बैठा है और यही पास से उसकी चिल्लाने की आवाज आ रही है। इतनी जोर से । उनको लगने लगा की यहां कुछ तो है जो हमे दिखाई नही दे रहा है लेकिन वह बहुत गुस्से में चिल्ला रहा है मानो वो हमे यहां से जाने को कह रहा हो।
"वहा से बाहर भागने लगते है।"
अब इनको बहुत ज्यादा डर लगने लगता है और वो एक एक करके वहा से भागने लगते है। पहले सब लोग एक एक करके उस खिड़की से निकलकर भागना चालू कर दिए। लेकिन उनकी एक सहेली जो थोडी सी मोटी थी वो जिस जगह से आवाज आया था उस जगह पे एक दम खड़ी हों गई है और उस जगह पे घूरे जा रही है वो वहा से हिल भी नहीं रही है । सारे लोग बोल रहे है की प्रीति चल प्रीति चल लेकिन वो एक दम खड़ी हो हुई उस जगह को घूरे जा रही है वो पूरी शॉक हो गई थी वहा पर वो लोग उसे जबरदस्ती हिलाने की कोशिश कर रहे है खींचने की कोशिश कर रहे है पर वो फिर भी एक ही जगह पे खड़ी हुई थी।
अब उन लोगो को समझ ही नही आ रहा था की अब क्या हो गया है इसको वे लोग जबरदस्ती इसको खीच रहे है फिर राहुल और नीरज दोनो उसको पकड़ कर उसको वहा से खीच के खिड़की तक लाके उसको जबरदस्ती बाहर निकलते है। उसके बाद इनको लगा की कुछ तो गड़बड़ हो गया है हमारे साथ । क्योंकि प्रीति जो थी वो बहुत ही अलग तरह से हरकत कर रही थी। क्योंकि प्रीति जो थी वो वहा से निकलने के बाद भी उस बंगले को घूर रही थी वे लोग प्रीति को बोलते है की प्रीति तेरा घर आखरी में आने वाला है। तो तू स्कूटी में बैठ जा तो फिर भी प्रीति सिर्फ अपना मुंडी हिला रही थी उस बंगले की तरफ देख कर ।
जबकि उसका घर सबसे पहले आने वाला था जिस रास्ते से उन लोग निकल रहे थे उसमे उसका घर सबसे पहले आने वाला था । लेकिन फिर भी उसको वो लोग चेक करने के लिए की कुछ प्रोब्लम तो नही है उसको। इसलिए वे उसको ऐसा बोलते है। लेकिन फिर भी प्रीति सिर्फ मुंडी हिलाने लगती है। तो उन लोग प्रीति को फिर बैठा ते है और फिर उसको घर पर छोड़कर आ जाते है। " पर यहा सब कुछ ठीक नही हुआ"
ये लोग प्रीति को छोड़ते है और फिर घर आ जाते है । और फिर सब कुछ ठीक हो जाता है ऐसा कुछ भी ठीक नही था। उसके 2 दिन बाद प्रीति के घर से उसकी एक सहेली को फोन आता है
की ये घर पर अजीब सा बर्ताव कर रही है मार पीट कर रही है। गलियां दे रही है और यहा तक की उसने 2दिन से खाना भी नही खाया है तो उसकी फ्रैंड बहुत ज्यादा टेंशन में आ जाती है
उसको लगता है की कुछ तो हुआ था वहा उस दिन हमारेसाथ और हम लोगो ने उस बात को इग्नोर कर दिया क्योंकि उसके बाद से वो लोग मिले नही थे उस दिन से लेकिन प्रीति के साथ कुछ तो प्रोब्लम हो गई है। फिर वह प्रीति की मम्मी को बोलती है की आंटी मैं आती हू आपके घर पे। वो उसकी फ्रैंड जाती है उसके घर पे और प्रीति की मम्मी को सब कुछ सच बता देती है की हमलोग उस बंगले में गए थे तो हमारे साथ ये ये हुआ था। तो फिर प्रीति की मम्मी बहुत ज्यादा गुस्से में आ जाती है।
बोलती है की तुमलोगो ने मेरी बेटी की जिंदगी खराब कर दी मेरी बेटी बिलकुल भी नहीं है। उसको क्यों ले गए वहा पर मेरी बेटी तो वहा जा भी नही सकती थी मुझे नही लगता की वो अपने मन से वहा गई होगी क्योंकि मेरी बेटी को बचपन से उस जगह के बारे में पता था कि वो जगह बिल्कुल भी अच्छी नही है वो जगह बहुत ज्यादा खतरनाक है भूतिया है। उसकी मम्मी उस लड़की को बहुत ज्यादा चिल्लाती है। और फिर बोलती है की मुझे नही पता अब मेरी बेटी को मुझे कुछ भी करके ठीक करना है। तो फिर वो लोग सुबह सुबह उनके घर के पास ही एक तांत्रिक था उसके पास जाते है। और फिर झाड़ फूंक कराती है उसके बाद प्रीति ठीक हो जाती है और उसके बाद से ये लोग कभी किसी भूतिया जगह में नही गए और न ही उन्होंने उसके बाद से कभी भूतिया मूवी तक देखा। और उस पाचो दोस्तो में से कोई भी कही नही गया और उन्होंने न ही कभी उस घटना के बारे में कभी एक दूसरे से बात किया । की क्या हुआ था उस दिन हमारे साथ क्युकी वो जो मंजर था वो कितना ज्यादा खतरनाक था सोचो अगर ऐसा आपके साथ भी हुआ होता तो।
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